शिक्षा निदेशालय ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रैडिट का डाटा 31 दिसंबर तक भेजने के दिए निर्देश

कितने छात्र एनरोल, देना होगा ब्यौरा

प्रदेश की यूनिवर्सिटी और कालेजों में इस साल एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के तहत कितने छात्र एनरोल हुए हैं, इसकी जानकारी शिक्षा निदेशालय को भेजनी होगी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में कालेज और यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि 31 दिसंबर तक डाटा शिक्षा निदेशालय को भेजना होगा। दरअसल, नई शिक्षा नीति के अनुसार एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक ऐसा डिजिटल खाता है, जिसमें छात्रों द्वारा अपनी पढ़ाई के दौरान अर्जित किए गए क्रेडिट्स को संग्रहित किया जाएगा। इस प्रणाली के तहत छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों से अर्जित क्रेडिट्स को एक निश्चित अवधि तक अपने अकाउंट में जमा कर सकते हैं और इन क्रेडिट्स का उपयोग भविष्य में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कर सकते हैं।

 

उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देता है, तो वह बाद में उसी या किसी अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान में दाखिला लेकर पहले अर्जित किए गए क्रेडिट्स का उपयोग कर सकता है। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके शैक्षिक अनुभव में अधिक स्वतंत्रता और लचीलापन प्रदान करना है। इससे वे अपनी पढ़ाई को अधिक सहजता और कुशलता से पूरा कर सकें। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के माध्यम से नए सत्र के विद्यार्थियों के हर विषय में क्रेडिट दिए जाएंगे, जिसे सभी विद्यार्थियों को अर्जित करना अनिवार्य होगा। पोर्टल पर तीन मेजर विषय में चार-चार क्रेडिट्स दिए गए हैं, जबकि माइनर विषयों में किसी में तीन, किसी में दो, तो किसी विषय में एक क्रेडिट दिया गया है। अगर कोई विद्यार्थी किसी कारण से पढ़ाई बीच में छोड़ देता है और बाद में किसी अन्य कालेज में दाखिला लेना चाहता है, तो उनके पास 52 क्रेडिट होने जरूरी हैं। विद्यार्थियों के यह क्रेडिट कम से कम सात साल तक स्टोर किए जाएंगे।

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